name :- पापा की कहानी, बेटी की जुबानी
बुरे वक्त मे सिर्फ अपना परिवार साथ होता है, और कोई नहीं )
ये कहानी नहीं, एक सच्चाई है, वो भी 59 साल के आदमी की उन दिनों की ज़ब वो 17 साल के हुआ करते थे ! तो बात कुछ उन दिनों की है, ज़ब नरेंद्र (नररी ) 17 साल का था, वो बहुत प्रतिभशाली तथा हर चीज मे अब्बल हुआ करता था ! सभी लोग उससे प्रभावित थे, वह सभी की नजरो मे, एक बेहद उम्दा लड़का था ! पर सृष्टि को कुछ और ही मंजूर था ! उसकी रूचि पढ़ाई मे ना होकर बल्कि लोगो की भलाई करने मे थी, वह किसी को भी दुखी नहीं देख सकता था ! उसको हर किसी की परेशानियों को किसी भी तरह से खत्म करना होता था, चाहे रास्ता जो भी हो ! नरेंद्र अपने दोस्तों के काफ़ी करीब था, और उनके लिये कुछ भी करने को तैयार रहता था ! वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक अपना गुट बनाता है, जो लोगो को उनका अधिकार दिलाने मे मदद करता था! कोई भी लड़की को गलत तरीके से बोलना, या अभद्र व्यवहार करते हुए किसी भी लड़के को पाए जाने पर उसे पीटना, या किसी की भी जमीन पर किसी दूसरे के द्वारा उस पर हक जताने पर उसके साथ मार-पिट करना ये सब उनके लिये आम हो गया था , और कुछ जवानी के जोश मे वो अंधे हो चुके थे ! धीरे – धीरे समय के साथ ये सब बढ़ रहा था, और लड़को के साथ उसका उठना, बैठना बढ़ता जा रहा था और साथ मे धूम्रपान, शराब आदि भी ! जिसके कारण नरेंद्र के घरवाले उससे परेशान रहने लगे! लोगो के नजरिये मे अभी वो, मशीहा था ! पर धीरे – धीरे वही मशीहा अब गुंडा कहलाने लगा ! यही सब कारण नरेंद्र के घरवालों ने उसका विवाह कराने का फैसला किया, और उसने भी चुपचाप इस फैसले को मान लिया ! नरेंद्र का विवाह काफ़ी धूम – धाम से किया गया, उसकी पत्नी बहुत सुंदर, सुशील और बुद्धिमान है, वह नरेंद्र के सभी लड़ाई – झगड़ेा से अनजान थी, लेकिन ज़ब उसे पता चला तो उसने सूझ -बुझ से उसे सुधारने का प्रयत्न किया ! पर कहते है ना – “विनाश कालेन विपरीत बुद्धि ” ! नरेंद्र को कोई समझाने का फर्क नहीं पड़ा ! तभी एक दिन उसके दोस्तों ने उसकी पिट मे खंजर घोप दिया, उससे झूठ बोल के उसके दोस्तों ने उसके नाम से गलत काम किये, जिसका पता चलते ही नरेंद्र ने उनको बहुत पीटा ! और वह जेल भी गया ! अब वह पुरे तरीके से लोगो के लिये गुंडा बन गया था, सभी लोग उसके एहसान भूल चुके थे, ये बातें उसे बर्दश्त नहीं हो पा रही थी, उसने और ज्यादा शराब और धूम्रपान का सहारा लेना शुरू कर दिया, तभी अचानक 23 दिसंबर की एक रात को गाड़ी द्वारा उसके साथ दुर्घटना हो गयी, जिसमे उसके शरीर मे बहुत सी चोट आयी और उनके एक पैर मे ज्यादा चोट होने के कारण उनका इलाज ठिक से नहीं हो पा रहा था, डॉक्टर ने उन्हें शराब और धूम्रपान को बंद करने के लिये कहा, अन्यथा उनका ज़ख्म पैरो के ऊपर फैलता जा रहा था, जिससे उसका आधा पैर कटने की संभावना थी, पर उनकी पत्नी ने उनका साथ नहीं छोड़ा था ! उसने अपनी कसम देकर नरेंद्र से सब कुछ बंद करने के लिया कहा ! सभी उसका साथ छोड़ चुके थे ! समय के साथ धीरे – धीरे नरेंद्र की हालात सही होती गयी, और उसने अब पुराने सभी काम छोड़ दिए थे ! अब वह अपने परिवार मे धयान दे रहा था, उनके 3 बच्चे हो गए थे, और वो उनकी ख़ुशी के लिये अब दिन- रात मेहनत कर रहा था !
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Beautiful pooja
very nice
Nice story.
Waaah very nyc.. esi likhte rha kr 👍👍👍👌👌
nice
nice one💓
Bahut badiya
Bahut acchi story h
👍👍
Inspirational story
अच्छा लिखा है लेकिन थोड़ा अधूरा सा है अंत थोड़ा और अच्छा हो सकता था