शादी एक ऐसा सुंदर वचन जो दो लोग मिलकर निभाते हैं. साथ में बढ़ते हुए एक दूसरे को संभालने का वचन,” सुबह होते ही हर दिन, हर रोज, पूरी जिंदगी एक ही इंसान के प्यार में पढ़ना इससे सुंदर बात और कोई नहीं” मैं एक एकल(nuclear family) परिवार से आई और मेरे पति के घर में आठ लोग लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा सपोर्टिव पॉजिटिव सदस्य थीं मेरी सासू मां, उन्होंने ही मुझे रिश्ते निभाने की इंस्पिरेशन दी , हर मुश्किल का हल बड़ी आसानी से ढूंढना सिखाया. जब मैं शादी करके तब मुझे उस घर में एडजेस्ट होने में थोड़ी तकलीफ आ रही थी तब उन्होंने बाकी सदस्यों से कहा की “जब हम नया मोबाइल लेते हैं तब पुराने मोबाइल का डाटा उसमें ट्रांसफर करते हैं उस दौरान हम मोबाइल को छूते नहीं वरना वह हैंग हो सकता है वैसे ही यह लड़की अपने मां बाप के घर से उसका 20 साल का डाटा लेकर आई है उसे इस घर में एडजस्ट होने का थोड़ा वक्त तो देना ही पड़ेगा ” . उन्होंने हर मुश्किल का हल आसानी से ढूंढ लिया था जैसे, मेरी दादी सास हर रोज हर दिन मेरी सासु मां को किसी भी छोटी बात पर ताने देती लेकिन मेरी सास कभी उन्हें कुछ नहीं कहते, एक दिन मैंने उनसे पूछ ही लिया की ,”आप क्यों उनकी सारी बातें सुन लेती हो चुपचाप ” , तब उन्होंने कहा की,” मैंने अपने और से फोन का रिसीवर कब का साइड पर रख दिया है वे कई सालों से अकेले ही बात कर रही है”, और यह सुनकर मैं हंस पड़ी. और मैं फिर थोड़ी खामोश हो गई तो उन्होंने पूछा” क्या बात है?, तब मैंने कहा कि मुझे कुछ बातें समझ नहीं आती मेरे और उनके बेटे के बीच में कुछ मतभेद हो रहे हैं. तब उन्होंने समझाया कि पति पत्नी के रिश्ते में भी कई बार फ़ोन होल्ड पर रखना पड़ता है . फिर मैंने उनसे पूछा की इस रिश्ते में फोन होल्ड पर रखना या काट देना किस पर निर्भर है इसका कोई जवाब है क्या मां?
मेरा यह सवाल सुनकर उन्होंने कहा जवाब है- संवाद, हम हमारी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश नहीं करते हैं कोई समस्या है ही नहीं ऐसा दिखाते हैं तब तकलीफ होती है. सबसे पहले एक दूसरे के मतभेदों को खुले मन से स्वीकार करो फिर उस को सॉल्व करने की कोशिश करो अगर हम अपने व्यवसाय में, दोस्तों से, घरवाले और दूसरों के साथ होने वाले मतभेदों को बड़े ही सहजता से स्वीकारते हैं तो शादी में ऐसा क्यों नहीं कर सकते? जैसे हड्डी टूट जाने पर , उस में दरार आ जाती है तो प्लास्टर से उसे जोड़ने की कोशिश करते हैं वैसे ही शादी नाम के रिश्ते में आधी बात सुनकर ,गुस्सा होकर फोन रखने के बजाएं अगर हम थोड़े समय के लिए फोन होल्ड पर रखें तो परिस्थितियां सुधर सकती हैं और वही समय शादी के रिश्ते का प्लास्टर है अगर एक बार फ़ोन कट गया तो फिर कुछ भी नहीं हो सकता फिर फोन जोड़ोगे तब सामने वाला ना भी उठाए या वो फ़ोन लगाये और आपका फ़ोन इंगेज्ड हो.
हर समस्या का समाधान संवाद होता है . जैसे संभोग शरीर का संबंध है वैसे ही संवाद मन का संबंध है.
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