ज़मीन से फ़लक तक
ज़मीन से फ़लक तक, एक गूँज सुनाई देती है। होंसलों की उड़ान की मन्ज़िल आसमाँ में दिखाई देती है। **************************************** लाखों की भीड़ और उसमें एक खामोशी थी, जैसे सिक्का भी गिरे तो आवाज़ आ जाये और फिर चारों तरफ [...]
ज़मीन से फ़लक तक, एक गूँज सुनाई देती है। होंसलों की उड़ान की मन्ज़िल आसमाँ में दिखाई देती है। **************************************** लाखों की भीड़ और उसमें एक खामोशी थी, जैसे सिक्का भी गिरे तो आवाज़ आ जाये और फिर चारों तरफ [...]
ज़मीन से फ़लक तक, एक गूँज सुनाई देती है। होंसलों की उड़ान की मन्ज़िल आसमाँ में दिखाई देती है। **************************************** लाखों की भीड़ और उसमें एक खामोशी थी, जैसे सिक्का भी गिरे तो आवाज़ आ जाये और फिर चारों तरफ [...]