बहुत ही अजीब सी कहानी होती है। मां और बेटे की जिसमे झगड़े होते हैं, और मार भी पड़ती है बेटे को पर कुछ भी हो ये दोनों एक दूसरे से कभी अलग नहीं हो पाते क्यूंकि माँ ने उस बच्चे को सबसे नौ महीने ज्यादा प्यार किया है।
ऐसे ही एक सुहान नाम का लड़का था जो उसकी मां का सबसे लाडला था। जिसका कोई भाई नहीं था ना ही कोई बहन थी उसकी माँ का वो एक अकेला लोता बच्चा था तो आप समझ ही गए होंगे कि कितना प्यार करती होगी वो माँ उस बच्चे को और बेटा उस मां को।
धीरे धीरे दीन चलते गये। सुहान बड़ा होता गया लाड प्यार से बडा हुआ था बच्चा उसे नई दुनिया में जाना था अब पढ़ाइ कि दुनिया नए मित्रो की दुनिया नए लोगों की दुनिया मां काफी चिंता में रहती थी कैसे रहेगा ये मेरे बगैर अकेला स्कूल में वो भी चार-पांच घंटे।
मां ने अपने सीने पे पत्थर रख कर उस सुहान को स्कूल में भेजा क्यूंकि आखिर में उसे पढाना था।धीरे धीरे सुहान भी मां को समझ गया नई दुनिया को समझ गया। और वो भी स्कूल जाते वक़्त जो रोता था वो बंद कर दिया और हंसते हंसते चला जाता था। माँ भी इस सुहान की लाइफ को समझने लगी और उसे भी रोज हंसते हंसते स्कूल रख के घर पे आके उसकी स्कूल छूटने के वक़्त का इंतज़ार करती कि कब वो छूटेगा और मैं उसे लेने जाउगी।
रोज मां स्कूल जाती तो सभी टीचर से मिलती बात करती ।सुहान काफी होशियार था अव्वल नंबर पे पास होता था पूरी स्कूल को सुहान पे नाज था तो सभी ही उसका ख्याल करते थे।
एक दिन तकरीबन महीने के बाद सुहान स्कूल में गया और उसकी इम्तहान का परिणाम भी आ गया था और उसमें भी वो असफल हुआ था। जिसकी वजह से स्कूल को जो पुरस्कार मिलने वाला था वो भी अब नहीं मिलेगा वो भी स्कूल को पता था।
तो जैसे ही सुहान स्कूल में आया उसके अधयापक ने उसे सबके सामने खड़ा करके परिणाम बता दिया और डांटा भी सुहान पहले से गुस्से में था क्यूंकि उसकी माँ उसे आज रखने नहीं आई थी।
फीर ब्रेक में सुहान ने दूसरे बच्चे का टिफिन खा लिया वो गुस्से में था तो सुहान ने बच्चे को मारा भी उस दूसरे बच्चे ने अधयापक से कह दिया उस अध्यापक ने गुस्से में सुहान को एक थप्पड़ लगा दिया जिसकी वजह से सुहान का गुस्सा दोगुना हो गया।
अधयापक : अब तू अपनी माँ को लेके ही स्कूल आना उसके बगैर स्कूल मत आना।
सुहान : अच्छा गुरुजी अब मैं मेरी माँ को बोल दूंगा और उसे लेके ही आऊँगा और तूम सबको दिखाऊंगा मेरी माँ तुम सबको मारेगी
अध्यापक को गुस्सा आया।
उनहोंने दुसरा थप्पड़ मार दीया और उसे बाहर निकाल दिया।
दुसरे दिन वो सुहान स्कूल ही नहीं आया हालांकि की अध्यापक सुहान की मां से भी डर रहा था।
धीरे धीरे दिन बीतते गए सुहान स्कूल आता नहीं था अध्यापक को भी फिकर हुई अधयापफ ने बच्चे को मारा था और उसकी मां के डर की वजह से और अपनी नौकरी के डर की वजह से अध्यापक ने सोचा मैं ही उसे ढूँढने चला जाता हूं।
अध्यापक उसके घर गए पर घर कोई नहीं था तो अध्यापक वापस स्कूल आ रहे थे तभी उनहोंने सुहान जिस रीक्षा में स्कूल आता था उस रीक्षा वाले से पूछा सुहान को देखा तब रीक्षा वाले ने भी ना बोला ये बात सुनकर स्कूल के सामने वाली जो दूकान थी उसने अध्यापक को बुलाया कहा किसी बच्चे को ढूंढ रहे हो एक बच्चा हर रोज रीक्षा से उतर के इस तरफ जाता है उस रास्ते पे अध्यापक भी आगे आगे गए वहां कोई दिख नहीं रहा था तभी अध्यापक ने सोचा अब स्कूल वापस चला जाता हूँ अध्यापक कबसे धूप में चल रहे थे तो उनका गला भी सुख गया था आस पास कुच भी नहीं था तो वो सीधे सीधे स्कूल की तरफ वापस आने लगे आते वक्त बीच में एक कब्रिस्तान दिखा उनका गला अब ज्यादा सूखा था तो वो बिना सोचे कब्रिस्तान में पानी पीने चले गए।
उन्होंने पानी पिया मुँह धोया और अपनी आँखें साफ़ कर रहे थे तभी उन्हें पेड़ के नीचे एक छोटा बच्चा दिखा उसे देख के अध्यापक भी चौंक गए अध्यापक ने आवाज लगाई सुहान पर सुहान ने कुछ जवाब नहीं दिया।
(दूसरी आवाज लगाई) सुहानननननननन
सुहान: (चिल्लाके) गुरुजी आप चले जाओ मैं अपनी मां को लेके ही स्कूल आऊंगा।
अध्यापक : (सुहान के पास जा के)पर यहाँ क्या कर रहा है ?
सुहान: मेरे पापा ने कहा था तेरी माँ कल आ जाएगी पर वो आई ही नहीं। और गुरूजी मैंने आखीर में मां को यही पे आते हुए देखा था तो अब वो आए तो मैं मां को स्कूल ले के आऊ ना
सुहान : (रोते रोते )आप जाओ मैं माँ को लेके ही स्कूल आऊंगा।
ये बात सुन कर अध्यापक वहीं पे रोने लगे और उस बच्चे को उठा कर उसके घर ले गए।
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So great and loveable story
Is kahani Se teachers ko bhi sikhna chahie ko students (bavhho)ke sath kese behave karte hai
That’s called True love